Written by- Chief editor (Krishna thakur)
फतेहपुर में बाल विकास परियोजना से संबंधित सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो की सच्चाई पर नजर डालने के लिए एमबीए न्यूज़ की टीम गहराई तक गई है। और हर बिंदु पर विचार विमर्श करने के बाद हम आपके पास वायरल ऑडियो की सच्चाई रख रहे है।
वायरल ऑडियो में बातचीत कर रहे युवक का नाम दयानंद कुमार बताया जाता है, जो किसी सेविका का देवर है। वही दूसरी तरफ से बात कर रही कोई महिला है, जिसके बारे में सोशल मीडिया पर बताया गया है कि वो बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर है। इस ऑडियो की गहराई जानने के लिए एमबीए न्यूज़ की टीम बृहस्पतिवार को बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे। जहां सीडीपीओ नीता नारायण से इस ऑडियो के बारे में पूछा गया तो सीडीपीओ नीता नारायण ने बताई की इस तरह का कोई भी ऑडियो मेरे संज्ञान में नहीं है। यह ऑडियो सिर्फ सोशल मीडिया पर चल रहा है और कुछ लोग ईसे बेवजह तूल दे रहे हैं। ऑडियो से जुड़ी कोई भी शिकायत मेरे पास नहीं आया है। वहीं सीडीपीओ कार्यालय में वो सुपरवाइजर भी मौजूद थी जिनके ऊपर आरोप लगाया जा रहा था। ( जैसा की ऑडियो के अनुसार बताया जा रहा था) उस दौरान एमबीए न्यूज़ की टीम ने सुपरवाइजर से पूछा की क्या यह ऑडियो आपका है? इस पर सुपरवाइजर ने साफ तौर पर कही की इस ऑडियो से मेरा कोई लेना-देना नहीं है और ये ऑडियो मेरा नहीं है, मेरे द्वारा नियमित रूप से सेंटर की जांच की जाती है। जिससे कुछ लोगों को परेशानी हो रही है इसलिए कुछ लोग मुझे बदनाम करना चाहते हैं। वहीं इस ऑडियो में जिस आंगनबाड़ी सेविका के देवर से बातचीत हो रही थी उससे भी एमबीए न्यूज़ की टीम ने संपर्क किया लेकिन उसने किसी भी तरीके से बयान देने से इनकार कर दिया। उनसे एमबीए न्यूज़ की टीम ने पूछा की क्या आपने इस ऑडियो को लेकर कहीं लिखित आवेदन भी दिया है? तो उसने कहा नहीं,मैंने लिखित आवेदन कहीं नहीं दिया , मुझे इस मामले पर सीडीपीओ से बात करनी है, इस पर एमबीए न्यूज़ की टीम ने पूछा कि ऑडियो कब का है? तो उसने कहा काफी पुराना है। इस पर एमबीए न्यूज़ की टीम ने पूछा कि इतने दिन बाद ऑडियो वायरल करने का मतलब क्या है? तो उक्त व्यक्ति ने कहा जब जरूरत पड़ा तब वायरल कर दिया। वहीं वायरल ऑडियो के लगभग चार दिन हो गए हैं,और अभी तक लिखित आवेदन नहीं दिया गया है।
बाकी एमबीए न्यूज़ की टीम उस ऑडियो की पुष्टि कल भी नहीं की थी और आज भी नहीं करता है।